Blog of Manvendra Singh Tanwar---'jigyasu'.
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Wednesday, August 4, 2010
Mausam ki Nazakat
इस सुहाने मौसम को काश मैं भी जी पाता, इसकी एक एक बूंद का अमृत रस पी पाता | काश इस मौसम मैं वो भी जो मेरे साथ होती तो, उसके लबो को भी मैं जरुर अपना लबो से सी पाता ||
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