"तेरे अरमानो को अपनी ज़िन्दगी बना लूँगा मैं,
तेरे ज़ख्मो को अपनी बंदगी बना लूँगा मैं |
रहकर साये में तेरी जुल्फों के पल भर के लिए भी
तेरी ख़ूबसूरती को अपनी सादगी बना लूँगा मैं || "
Blog of Manvendra Singh Tanwar---'jigyasu'. Regular posts will be made on my written quotes and poems and literary views and many more....
Tuesday, August 31, 2010
Tuesday, August 17, 2010
School ki wo
"स्कूल में उनकी मौजूदगी का मज़ा ही कुछ और था,
उनके संग बतियाने का मज़ा ही कुछ और था |
स्कूल में आती थी जब वो अपनी जुल्फे लहराकर,
तो उनकी उस अदा के दीदार का मज़ा ही कुछ और था ||"
उनके संग बतियाने का मज़ा ही कुछ और था |
स्कूल में आती थी जब वो अपनी जुल्फे लहराकर,
तो उनकी उस अदा के दीदार का मज़ा ही कुछ और था ||"
Friday, August 13, 2010
Love at first sight
"उसकी हंसी मेरे मन को लुभा गयी,
मेरे चंचल मन पे एक विराम सा लगा गयी,
उस हसीना का चेहरा अब भी नज़र से उतरता नही,
लगता हैं मेरी 'वो' मेरी ज़िन्दगी मैं आ गयी.."
मेरे चंचल मन पे एक विराम सा लगा गयी,
उस हसीना का चेहरा अब भी नज़र से उतरता नही,
लगता हैं मेरी 'वो' मेरी ज़िन्दगी मैं आ गयी.."
Thursday, August 12, 2010
Dost ke naam
बड़ी बेरुखी से उसने मेरे दोस्त का दिल तोडा,
उसके सच्चे प्यार से सिर्फ दोस्ती का नाम जोड़ा |
इस अनमोल हीरे की चमक से महरूम रहेगी वो बेवफा,
जिसने मेरे प्यारे दोस्त का विश्वास भरा हाथ छोड़ा ||
उसके सच्चे प्यार से सिर्फ दोस्ती का नाम जोड़ा |
इस अनमोल हीरे की चमक से महरूम रहेगी वो बेवफा,
जिसने मेरे प्यारे दोस्त का विश्वास भरा हाथ छोड़ा ||
Monday, August 9, 2010
Wednesday, August 4, 2010
Mausam ki Nazakat
इस सुहाने मौसम को काश मैं भी जी पाता,
इसकी एक एक बूंद का अमृत रस पी पाता |
काश इस मौसम मैं वो भी जो मेरे साथ होती तो,
उसके लबो को भी मैं जरुर अपना लबो से सी पाता ||
इसकी एक एक बूंद का अमृत रस पी पाता |
काश इस मौसम मैं वो भी जो मेरे साथ होती तो,
उसके लबो को भी मैं जरुर अपना लबो से सी पाता ||
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